किसानों को सिंचाई के लिए स्वच्छ, टिकाऊ और किफायती समाधान देने के लिए शुरू की गई सोलर पंप योजना के मिलेगी सब्सिडी।
बढ़ती बिजली की लागत और जलवायु परिवर्तन के खतरों को देखते हुए, किसानों के लिए सिंचाई का किफायती और टिकाऊ समाधान खोजना आज के समय की मांग है। इसी चुनौती का सामना करने के लिए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत सोलर पंप योजना की शुरुआत की है। यह योजना किसानों को सौर ऊर्जा से चलने वाले पंप लगाने में सहायता करती है, जिससे उन्हें कई लाभ मिलते हैं। बिजली के बिलों में कमी आने से उनकी आय बढ़ती है, पर्यावरण का संरक्षण होता है और उन्हें सिंचाई के लिए एक भरोसेमंद विकल्प मिलता है।
खरीफ सीजन में किसानों को सिंचाई की सुविधा प्रदान करने के लिए सरकार सोलर पंप योजना चला रही है, जिसके तहत किसानों को 60 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। हाल ही में राज्य सरकार ने इस योजना के लिए 95.46 करोड़ रुपए जारी किए हैं।
सोलर पंप से किसानों को 24 घंटे सिंचाई की सुविधा मिलती है और बिजली का बिल भी कम आता है। इस योजना का लाभ उठाकर लगभग 60 हजार किसान सोलर पंप से सिंचाई कर रहे हैं, जिससे डीजल और बिजली की बचत हो रही है और फसलों की लागत कम हो रही है।
सोलर पंप योजना का उद्देश्य
सोलर पंप योजना मुख्य रूप से दो उद्देश्यों पर कार्य करेगी। पहला, किसानों को सिंचाई के लिए बिजली पर निर्भरता कम करना। बढ़ती बिजली की लागत किसानों के लिए बोझ बन रही है। सौर ऊर्जा से चलने वाले पंपों को अपनाने से किसान इस बोझ से मुक्त हो सकते हैं। दूसरा उद्देश्य पर्यावरण को बचाना है। सौर ऊर्जा स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा का एक स्रोत है। जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करके यह योजना पर्यावरण को भी स्वच्छ रखने में योगदान देती है। कुल मिलाकर, सोलर पंप योजना किसानों की आय बढ़ाने और पर्यावरण की रक्षा करने में मदद करती है।
सोलर पंप योजना लाभार्थी
छोटे और सीमांत किसान जो बिजली की कमी से जूझते हैं या जिनके पास बिजली का कनेक्शन नहीं है, उन्हें इस योजना से सबसे अधिक लाभ मिलेगा। साथ ही, सूखे या कम पानी वाले क्षेत्रों में रहने वाले किसानों के लिए भी यह योजना वरदान साबित हो सकती है, क्योंकि उनकी फसलों के लिए सिंचाई का महत्व सर्वोपरि होता है। कुछ राज्य महिला किसानों को इस योजना के तहत विशेष छूट और प्राथमिकता भी दे सकते हैं।
सोलर पंप योजना की सब्सिडी
केंद्र और राज्य सरकार मिलकर सोलर पंप लगाने की कुल लागत का 90% तक सब्सिडी प्रदान करती हैं। इसमें केंद्र सरकार 60% और राज्य सरकार 30% सब्सिडी देती है। हालांकि, सब्सिडी की राशि सोलर पंप की क्षमता और किसान के वर्ग (एससी/एसटी/अल्पसंख्यक) के आधार पर थोड़ा बहुत कम या ज्यादा हो सकती है।
सोलर पंप के लिए कितना करना होगा भुगतान
2 एचपी सोलर पंप के तहत, यदि आप 2 एचपी का सरफेस सोलर पंप लेना चाहते हैं, तो इसकी बाजार कीमत 1,71,716 रुपए है। इस पर राज्य सरकार की ओर से 59,291 रुपए और केंद्र सरकार की ओर से 43,739 रुपए का अनुदान दिया जाएगा, जिससे कुल 1,03,030 रुपए की सब्सिडी मिलेगी। इस प्रकार, यह सोलर पंप आपको 68,686 रुपए में मिलेगा।
यदि आप 2 एचपी डीसी सबमर्सिबल पंप लेते हैं, तो इसकी बाजार कीमत 1,74,541 रुपए है, और इस पर आपको 1,04,725 रुपए का अनुदान मिलेगा। इस प्रकार, यह सोलर पंप आपको 64,816 रुपए में मिलेगा। वहीं, 2 एचपी एसी सबमर्सिबल पंप की बाजार कीमत 1,74,073 रुपए है, जिस पर आपको 1,04,444 रुपए का अनुदान मिलेगा, और यह सोलर पंप आपको 64,629 रुपए में मिलेगा।
3 एचपी सोलर पंप के तहत 3 एचपी डीसी सबमर्सिबल पंप की बाजार कीमत 2,32,721 रुपए है। इस पर आपको 1,39,633 रुपए की सब्सिडी मिलेगी, जिससे यह पंप आपको 88,088 रुपए में मिलेगा। वहीं, 3 एचपी एसी सबमर्सिबल पंप की बाजार कीमत 2,30,445 रुपए है, जिस पर 1,38,267 रुपए का अनुदान मिलेगा और यह पंप आपको 87,178 रुपए में मिलेगा।
5 एचपी एसी सबमर्सिबल पंप की बाजार कीमत 3,27,498 रुपए है, जिस पर 1,96,499 रुपए की सब्सिडी मिल जाएगी और यह पंप आपको 1,25,999 रुपए में मिलेगा। 7.5 एचपी एसी सोलर पंप की बाजार कीमत 4,44,094 रुपए है, जिस पर किसानों को 2,66,456 रुपए का अनुदान मिलेगा, जिससे यह पंप आपको 1,72,638 रुपए में मिलेगा।
अंत में, 10 एचपी एसी सोलर पंप की बाजार कीमत 5,57,620 रुपए है, जिस पर 2,66,456 रुपए की सब्सिडी दी जाएगी और यह पंप आपको 2,86,164 रुपए में मिलेगा। सरकार की पीएम कुसुम योजना के तहत किसानों को विभिन्न प्रकार के सोलर पंपों पर सब्सिडी प्रदान की जा रही है, जिससे उन्हें सस्ते दरों पर सोलर पंप उपलब्ध हो रहे हैं। इस योजना से किसानों की कृषि उत्पादकता में वृद्धि होगी और ऊर्जा लागत में कमी आएगी।
सोलर पंप योजना की आवेदन प्रक्रिया
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान आमतौर पर राज्य कृषि विभाग की वेबसाइट या पीएम कुसुम योजना के पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन के साथ आधार कार्ड, भूमि दस्तावेज, बैंक खाता विवरण और जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो) जैसे दस्तावेज जमा करने होंगे।
इसके बाद अधिकारी आवेदक के दावों की जांच करते हैं और यह देखते हैं कि क्या उसकी जमीन पर सोलर पंप लगाने के लिए उपयुक्त जगह है। सत्यापन के बाद मंजूरी मिलने पर किसान को सब्सिडी के साथ सोलर पंप वितरित कर दिया जाता है।