राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने देश के हालातों को देखते हुए एक बड़ा और निर्णायक कदम उठाया है। राज्य के स्वास्थ्य निदेशक डॉ. रविप्रकाश शर्मा द्वारा जारी एक आदेश के तहत राज्य के सभी चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ, पैरा मेडिकल कर्मचारी और प्रशासनिक अधिकारियों के अवकाश तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए गए हैं। इस निर्णय के पीछे मुख्य कारण सीमा क्षेत्रों में बढ़ता तनाव और संभावित आपदा प्रबंधन की आवश्यकता है।
क्या है आदेश का उद्देश्य?
राजस्थान, पाकिस्तान सीमा से सटा हुआ एक संवेदनशील राज्य है। हाल के दिनों में सीमा पर गतिविधियाँ बढ़ी हैं, जिससे प्रशासनिक और स्वास्थ्य विभागों की सतर्कता बढ़ गई है। ऐसे में यह आवश्यक हो गया कि स्वास्थ्य सेवाएं पूर्ण रूप से सक्रिय और तैयार रहें, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति का तत्काल और प्रभावी ढंग से सामना किया जा सके।
किन पर लागू होगा यह आदेश?
यह आदेश प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी स्तरों के कर्मचारियों पर लागू होगा:
- चिकित्सक (Doctors) – सरकारी अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी आदि में कार्यरत सभी डॉक्टर।
- नर्सिंग स्टाफ – अस्पतालों में मरीजों की देखभाल करने वाले समस्त नर्सिंग कर्मी।
- पैरा मेडिकल स्टाफ – लैब टेक्नीशियन, एक्स-रे तकनीशियन, फार्मासिस्ट जैसे सहायक कर्मचारी।
- प्रशासनिक अधिकारी – स्वास्थ्य विभाग के अंदर काम करने वाले सभी अधिकारी व बाबू।
जो कर्मचारी अभी छुट्टी पर हैं, उन्हें भी तत्काल ड्यूटी पर वापस लौटने के निर्देश दिए गए हैं। केवल अत्यंत आवश्यक परिस्थितियों, जैसे गंभीर बीमारी या पारिवारिक आपदा की स्थिति में ही अवकाश की अनुमति दी जाएगी — वह भी वरिष्ठ अधिकारियों की स्वीकृति से।
क्या-क्या तैयारियां की जा रही हैं?
स्वास्थ्य विभाग ने इस आपात स्थिति से निपटने के लिए अनेक कदम उठाए हैं:
- अस्पतालों में दवाइयों, ऑक्सीजन और चिकित्सा उपकरणों की स्टॉकिंग।
- आपातकालीन वार्डों को पूरी तरह सुसज्जित और स्टाफ से लैस करना।
- सीमावर्ती जिलों (जैसे जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, श्रीगंगानगर) में 24×7 स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करना।
- रैपिड रिस्पांस टीमों की तैनाती और अतिरिक्त एंबुलेंस व्यवस्था।
इन सभी उपायों का उद्देश्य यह है कि किसी भी संभावित खतरे या आपदा के समय आम जनता को त्वरित और प्रभावशाली स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
जनता के लिए क्या संदेश?
स्वास्थ्य विभाग ने आम लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं, लेकिन सतर्क रहें। यदि कोई स्वास्थ्य समस्या गंभीर नहीं है, तो अस्पतालों पर अनावश्यक दबाव न बनाएं। इसके अलावा, सभी नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करें और किसी भी प्रकार की अफवाहों से दूर रहें।
अधिक जानकारी और अपडेट के लिए rajswasthya.nic.in पर विजिट करें या अपने निकटतम स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।