Rajasthan Tarbandi Yojana 2025: किसानों को मिल रही ₹40000 की सब्सिडी, ऑनलाइन आवेदन बिलकुल आसान

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भारत एक कृषि प्रधान देश है, और राजस्थान जैसे राज्य में खेती-बाड़ी किसानों की आजीविका का मुख्य आधार है। हालांकि, आवारा पशुओं और जंगली जानवरों, जैसे नीलगाय, से फसलों को होने वाला नुकसान किसानों के लिए एक बड़ी समस्या बना हुआ है। इस चुनौती से निपटने के लिए राजस्थान सरकार ने “राजस्थान तारबंदी योजना” शुरू की, जो 2025 में भी किसानों के लिए फसल सुरक्षा और आर्थिक सहायता का मजबूत साधन बनी हुई है।

यह योजना न केवल खेतों को नुकसान से बचाती है, बल्कि किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सरकार ने इस योजना में सब्सिडी और पात्रता मानदंडों को अपडेट किया है, ताकि अधिक से अधिक किसानों को लाभ मिल सके। इस लेख में हम योजना के उद्देश्य, लाभ, और प्रभाव को विस्तार से समझेंगे।

राजस्थान तारबंदी योजना 2025

राजस्थान तारबंदी योजना की शुरुआत 2017 में हुई थी, और 2025 तक इसमें कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। अप्रैल 2025 तक की नवीनतम जानकारी के अनुसार, सरकार ने सब्सिडी राशि और पात्रता मानदंडों में संशोधन किया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में इसके लिए 200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, ताकि अधिक किसानों को लाभ पहुँचाया जा सके।

इसके अलावा, सामुदायिक तारबंदी के लिए अब 10 या अधिक किसानों के समूह को 70% तक सब्सिडी दी जा रही है, जो पहले 50% थी। यह बदलाव विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों के लिए फायदेमंद है। साथ ही, आवेदन प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए राज किसान पोर्टल पर ऑनलाइन सुविधा को भी अपग्रेड किया गया है।

योजना का उद्देश्य

राजस्थान तारबंदी योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी फसलों को आवारा पशुओं और जंगली जानवरों से बचाने में मदद करना है। यह योजना निम्नलिखित लक्ष्यों पर केंद्रित है:

  • फसलों को नुकसान से बचाना और उत्पादन बढ़ाना।
  • छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना।
  • खेती को लाभकारी और टिकाऊ बनाना।
  • किसानों के बीच सीमा विवाद को कम करना।

योजना के लाभ और विशेषताएँ

Rajasthan Tarbandi Yojana 2025 कई मायनों में किसानों के लिए लाभकारी है। इसके प्रमुख लाभ और विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

सब्सिडी का प्रावधान: लघु और सीमांत किसानों को तारबंदी की कुल लागत का 60% या अधिकतम 48,000 रुपये तक की सब्सिडी मिलती है, जबकि सामान्य किसानों को 50% या अधिकतम 40,000 रुपये तक की सहायता दी जाती है।

सामुदायिक तारबंदी: 10 या अधिक किसानों के समूह को 70% तक सब्सिडी (प्रति किसान अधिकतम 56,000 रुपये) दी जाती है, जिससे लागत कम होती है।

सीमा निर्धारण: तारबंदी से खेतों की सीमाएँ स्पष्ट होती हैं, जिससे आपसी विवाद कम होते हैं।

आवारा पशुओं से सुरक्षा: नीलगाय, सुअर, गाय, और अन्य जानवरों से फसलों को बचाने में मदद मिलती है।

लंबाई की सीमा: अधिकतम 400 मीटर तक की तारबंदी के लिए सब्सिडी उपलब्ध है।

पात्रता मानदंड

इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को कुछ शर्तों को पूरा करना होगा:

  • आवेदक राजस्थान का मूल निवासी होना चाहिए।
  • एक जगह 0.5 हेक्टेयर यानी 2 बीघा भूमि होने पर भी किसानों को तारबंदी योजना का फायदा मिल सकेगा।
  • लघु और सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी जाती है।
  • जिन किसानों ने पहले किसी अन्य योजना से तारबंदी के लिए लाभ लिया हो, वे पात्र नहीं होंगे।
  • सामुदायिक आवेदन के लिए कम से कम 1.5 हेक्टेयर भूमि एक साथ होनी चाहिए।

आवेदन प्रक्रिया

योजना के तहत आवेदन करना अब पहले से आसान हो गया है। यह प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से उपलब्ध है:

ऑनलाइन आवेदन:

  • राजस्थान सरकार के कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट (rajkisan.rajasthan.gov.in) पर जाएँ।
  • “तारबंदी योजना” विकल्प चुनें और आवेदन फॉर्म भरें।
  • आवश्यक दस्तावेज (आधार कार्ड, जमीन के कागजात, बैंक खाता विवरण) अपलोड करें।
  • फॉर्म जमा करें और आवेदन संख्या नोट करें।

ऑफलाइन आवेदन:

  • नजदीकी ई-मित्र केंद्र या कृषि विभाग कार्यालय से फॉर्म लें।
  • फॉर्म भरकर दस्तावेज संलग्न करें और जमा करें।
  • स्वीकृति की जानकारी मोबाइल पर प्राप्त करें।

आवश्यक दस्तावेज

आवेदन के लिए निम्नलिखित दस्तावेज जरूरी हैं:

  • आधार कार्ड
  • जन आधार कार्ड
  • जमाबंदी नकल और भू-नक्शा
  • बैंक खाता पासबुक
  • पासपोर्ट साइज फोटो

राजस्थान तारबंदी योजना का प्रभाव

राजस्थान तारबंदी योजना ने अब तक लाखों किसानों को लाभ पहुँचाया है। 2025 तक, राज्य सरकार का लक्ष्य 35,000 से अधिक किसानों को इस योजना से जोड़ना है। इससे न केवल फसल उत्पादन में वृद्धि हुई है, बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हुई है। उदाहरण के लिए, चूरू जिले में 2024 में 3,500 किसानों को सब्सिडी दी गई, जिससे उनकी फसलों को नीलगाय से होने वाला नुकसान 80% तक कम हुआ।

चुनौतियाँ और सुझाव

हालांकि यह योजना प्रभावी है, लेकिन कुछ चुनौतियाँ भी हैं:

  • कई किसानों को योजना की जानकारी नहीं है।
  • स्वीकृति और राशि हस्तांतरण में कभी-कभी विलंब होता है।
  • सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाना चाहिए और प्रक्रिया को तेज करना चाहिए।

FAQs:

राजस्थान तारबंदी योजना के लिए कौन पात्र है?

राजस्थान के मूल निवासी किसान, जिनके पास न्यूनतम 0.5 हेक्टेयर जमीन है, इस योजना के लिए पात्र हैं। लघु और सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी जाती है।

इस योजना में कितनी सब्सिडी मिलती है?

लघु/सीमांत किसानों को 60% (अधिकतम 48,000 रुपये), सामान्य किसानों को 50% (अधिकतम 40,000 रुपये), और सामुदायिक समूहों को 70% (प्रति किसान 56,000 रुपये) तक सब्सिडी मिलती है।

आवेदन की स्थिति कैसे चेक करें?

आप राज किसान पोर्टल (rajkisan.rajasthan.gov.in) पर अपनी आवेदन संख्या डालकर स्थिति चेक कर सकते हैं।

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Sanjay

I am Sanjay Verma from Rajasthan, with a passion for writing about state and central government schemes. I have approximately four years of experience in this field and have been contributing to the government schemes section of YojanaON.com since April 2024.

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